प्रदेश के सबसे बड़ी सरकारी हॉस्पिटल सवाई मानसिंह में न डॉक्टर्स मिलते है और न नर्सिंग स्टाफ। नर्सिंग स्टाफ का व्यवहार भी सही नहीं है। यहां तक की पार्किंग को लेकर भी अवैध वसूली हो रही है। ये सारी शिकायत हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों ने सीएम लेवल तक की है। 1 मई से 27 जून तक संपर्क पोर्टल पर एसएमएस हॉस्पिटल से जुड़ी 212 शिकायतें मिली हैं। शिकायतों में मरीजों के परिजन बोले-राज में डॉक्टर नहीं मिलते पिछले 2 महीने से लगातार एसएमएस हॉस्पिटल के मैनेजमेंट और यहां की व्यवस्थाओं को लेकर मरीज और उनके परिजन शिकायतें कर रहे हैं। मरीजों ने शिकायतें की हैं कि वार्ड, ओपीडी में न तो सीनियर डॉक्टर मिलते है और न ही नर्सिंग और पेरामेडिकल स्टाफ। यही नहीं गंभीर स्थिति में आए मरीज को देखने के लिए वार्ड और इमरजेंसी में कोई सीनियर डॉक्टर रात में नहीं मिलते। इसके अलावा दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा शिकायतें पीने का पानी न मिलने, वार्डों में खराब पड़े पंखे-कूलर, लाइट और पार्किंग में हो रही अवैध वसूली से संबंधित की गई है। 25 फीसदी शिकायतें डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ न मिलने की 1 मई से 27 जून तक संपर्क पोर्टल पर केवल सवाई मानसिंह हॉस्पिटल से जुड़ी 212 शिकायतें दर्ज हुई। इन शिकायतों में से 52 शिकायतें (करीब 25 फीसदी शिकायतें) ओपीडी, इमरजेंसी और वार्डों में सीनियर डॉक्टर्स के न मिलने और नर्सिंग स्टाफ द्वारा मरीजों की ठीक से केयर नहीं करने से जुड़ी है। बड़ी बात ये है इन शिकायतों को हॉस्पिटल प्रशासन भी हल्के में ले रहा है। इन 52 में से केवल 6 ही शिकायतों का अब तक निस्तारण हॉस्पिटल मैनेजमेंट की ओर से किया गया है। दरअसल, हॉस्पिटल में इमरजेंसी में अधिकांश समय रेजीडेंट्स डॉक्टर्स ही रहते है। सबसे ज्यादा परेशानी तो रात में आती है जब यहां एक भी सीनियर डॉक्टर नहीं मिलता। इमरजेंसी में सोनोग्राफी जैसी जांच के लिए ऑनकॉल डॉक्टर की ड्यूटी होती है, जो ज्यादातर समय नदारद रहता है। तीन शिफ्ट में इमरजेंसी में असिस्टेंट प्रोफेसर स्तर के डॉक्टर की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन वह भी मौजूद नहीं रहते। नर्सिंग स्टाफ को लेकर ज्यादा शिकायतें
इन 52 शिकायतों में सबसे ज्यादा शिकायतें वार्डों में नर्सिंग स्टाफ के बिहेवियर (मरीजों से बर्ताव) को लेकर मिली है। शिकायतों में नर्सिंग स्टाफ द्वारा समय पर दवाइयां, इंजेक्शन नहीं देने और मरीजों से अभद्र बर्ताव का जिक्र किया गया है। इनकी प्रशासन के स्तर पर भी कई शिकायतें की जाती है, लेकिन यूनियन के दबाव में इन पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। अवैध तरीके से पार्किंग का संचालन और वसूली भी ज्यादा एसएमएस हॉस्पिटल में इन दिनों दूसरी सबसे बड़ी समस्या यहां की पार्किंग व्यवस्था है। ये पार्किंग यहां के प्रशासन ने बिना टेंडर किए जनवरी माह से एक व्यक्ति विशेष को दे रखी है। पार्किंग में लगे तमाम स्टाफ का भुगतान पार्किंग में होने वाली इनकम से हॉस्पिटल प्रशासन उक्त व्यक्ति को करता है। लेकिन, यहां तैनात स्टाफ का मरीजों के परिजन और स्टाफ से ठीक नहीं है। इसकी कई शिकायतें भी की गई है। यहां मरीजों से ओपीडी समय के बाद मनमर्जी से वसूली की जाती है, जिससे लोग परेशान है। यहां से हर रोज हजारों रुपए की अवैध वसूली की शिकायतें हॉस्पिटल प्रशासन को मिल रही है, लेकिन सभी इस मामले पर मूकदर्शक बने बैठे है। पीने का पानी तक नहीं
हॉस्पिटल में मरीजों ने पीने का पानी नहीं मिलने, वार्डों में लगे कूलर-पंखे, लाइटें बंद पड़े रहने या खराब होने की भी कई शिकायतें की है। सीएम स्तर पर मिली 212 शिकायतों में इनसे जुड़ी 28 शिकायतें है। ये तब है जब अप्रैल महीने से खुद हेल्थ मिनिस्टर, प्रमुख शासन सचिव हेल्थ कई बैठकें करके गर्मी के दाैरान हॉस्पिटल में पीने के शुद्ध ठंडे पानी, लू-ताप घात से बचने के लिए कूलर, पंखे और छाया की व्यवस्था पुख्ता करने के कई बार निर्देश दे चुके हैं।
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