वनरक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में वाणिज्य कर विभाग (सर्कल-E) में UDC के पद पर कार्यरत गोविंद तेतरवाल को 11 दिन की पुलिस रिमांड के बाद सोमवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। पूछताछ में तेतरवाल ने 3 लोगों को 3.5-3.5 लाख रुपए लेकर पेपर पढ़ाने की बात कबूल की है। पूछताछ के दौरान गोविंद के साले की भूमिका भी सामने आई है। वो फिलहाल फरार है। एसओजी टीम फरार आरोपी की तलाश में लगातार जुटी है। समझिए घटना की टाइमलाइन 2013 से जबराराम के संपर्क में था: वनरक्षक भर्ती पेपर लीक का मुख्य आरोपी जबराराम जाट था। सरकारी कर्मचारी गोविंद तेतरवाल 2013 से ही जबराराम के संपर्क में था। गोविंद जोधपुर में वाणिज्य कर विभाग (सर्कल-E) में UDC के पद पर कार्यरत था। ड्यूटी से गायब, वेतन रोका: मार्च में गोविंद कुछ दिन की छुट्टी लेकर चल गया था। लेकिन, फिर वह ड्यूटी पर नहीं लौटा। विभाग की ओर से लगातार गैरहाजिर रहने पर उसे नोटिस दिए गए। लेकिन उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। इसके चलते उसका वेतन भी रोक दिया गया था। 11 दिन की रिमांड पर: SOG की टीम ने उसे 19 जून 2025 गुरुवार को गिरफ्तार किया और 20 जून को बांसवाड़ा कोर्ट में पेश किया। बांसवाड़ा कोर्ट में पेश कर 11 दिन के रिमांड पर लिया। सेल्समेन और उसकी बहन को पढ़ाया था पेपर ASP भवानी शंकर ने बताया- गोविंद की 2018 में सरकारी नौकरी लगी थी। इससे पहले वह शराब की दुकान चलाता था। कल्याणपुरा में उसकी शराब की दुकान पर हीराराम नाम का सेल्समैन था। उस सेल्समैन के भाई ओमप्रकाश और बहन प्यारी को गोविंद ने 3.5-3.5 लाख रुपए लेकर पेपर पढ़ाया था। गोविंद ने अपने चचेरे भाई सुरेंद्र को भी 3.5 लाख रुपए लेकर पेपर पढ़ाया था। उसने यह रकम जबराराम को दी थी। हमने प्यारी को गिरफ्तार कर लिया है। ओमप्रकाश रिटन एग्जाम में फेल हो गया था। वह भी आरोपी है। गोविंद पर 3 लोगों (ओमप्रकाश, प्यारी, सुरेंद्र) से पैसे लेकर पेपर पढ़ाने और जबराराम तक पैसा पहुंचाने के आरोप हैं। गोविंद के परिवार में एक दर्जन लोग सरकारी नौकरी में हैं। ऐसे में सभी की बारीकी से जांच करेंगे। गोविंद की भूमिका की भी जांच करेंगे। बता दें कि वनरक्षक पेपर लीक मामले में गोविंद समेत अब तक 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। SOG के एडिशनल एसपी भवानी शंकर के सुपरविजन में यह कार्रवाई की जा रही है। वनरक्षक भर्ती-2020 पेपर लीक प्रकरण 1. कैसे हुआ पेपर लीक: वनरक्षक भर्ती-2020 की परीक्षा 13 नवंबर 2022 को 2 पारियों में हुई थी। मास्टरमाइंड हरीश सहारण बाड़मेर से पेपर लेकर आया था। दोनों पारियों की परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को घर और होटल में पेपर हल कराए गए थे। 2. कैसे खुला मामला: 28 जून 2024 को बांसवाड़ा के शास्त्रीनगर निवासी प्रवीण मालवीया की गिरफ्तारी से मामला खुला था। प्रवीण ने बताया कि VDO सकन खड़िया ने हरीश सहारण और JEN अभिमन्यु सिंह के साथ मिलकर पेपर लीक की साजिश रची थी। 3. कैसे हुई साजिश: पहली पारी का पेपर बांसवाड़ा के होटल ब्लू मून में और दूसरी पारी का पेपर प्रवीण के घर शास्त्रीनगर (बांसवाड़ा) में हल कराया गया था। हरीश और अभिमन्यु ने अभ्यर्थियों को पेपर हल करवाया था। VDO सकन खड़िया ने पूरे मामले में कोऑर्डिनेट किया था। पढ़ें पेपर लीक से जुड़ी ये खबर भी… वनरक्षक भर्ती पेपर लीक में सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार:3.5-3.5 लाख रुपए लेकर चचेरे भाई सहित तीन कैंडिडेट को पढ़ाया था पेपर वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 पेपर लीक मामले में बांसवाड़ा से एक सरकारी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की टीम उसे जयपुर लेकर गई है। (पढ़ें पूरी खबर) पेपर लीक कर पास हुई महिला वनरक्षक समेत तीन गिरफ्तार:एक ने 1 लाख तो दूसरे ने 3 लाख रुपए दिए, दलाल भी पकड़ा गया स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 के पेपर लीक मामले में गुरुवार को एक युवती समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो वनरक्षक हैं, जिन्होंने लीक पेपर पढ़कर एग्जाम पास किया था। (पढ़ें पूरी खबर)
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