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    झुंझुनूं में शराब ठेकेदारों को पेनल्टी ब्याज में माफी:एमनेस्टी स्कीम से 20 करोड़ रुपये तक की छूट, जमीन नीलामी और कुर्की आदेश से राहत

    1 week ago

    सरकार ने प्रदेशभर के शराब ठेकेदारों को बड़ी राहत देते हुए एक नई एमनेस्टी स्कीम लागू की है। इस योजना से झुंझुनूं जिले के ठेकेदारों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। जहां कुल 151 मामलों में 48.59 करोड़ रुपए की बकाया राशि दर्ज थी। आबकारी विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत जिले में लगभग 20 करोड़ रुपए की पेनल्टी और ब्याज में छूट मिलने की संभावना है। यह स्कीम विशेष रूप से उन ठेकेदारों के लिए फायदेमंद साबित होगी जिनकी संपत्तियां नीलामी प्रक्रिया में थीं या जिन पर कुर्की के आदेश जारी हो चुके थे। क्या है यह एमनेस्टी स्कीम सरकार की इस विशेष एमनेस्टी स्कीम के तहत शराब ठेकेदारों को बकाया राशि पर महत्वपूर्ण राहत प्रदान की गई है। इस योजना के अंतर्गत, 31 मार्च 2020 तक के सभी बकाया मामलों में पेनल्टी और ब्याज को पूरी तरह से माफ कर दिया जाएगा। वहीं, 1 अप्रैल 2020 के बाद के मामलों में, ठेकेदारों को मूल राशि समय पर जमा करने पर ब्याज में 50% तक की छूट मिलेगी। इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए ठेकेदारों को एक निर्धारित समय सीमा के भीतर आवेदन करना अनिवार्य होगा। जिला आबकारी अधिकारी ने क्या कहा जिला आबकारी अधिकारी रियाजुद्दीन उस्मानी ने बताया- झुंझुनूं जिले में लंबे समय से शराब ठेकेदारों पर करोड़ों रुपए की राशि बकाया थी। कई मामलों में तो जमीनों की नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी और कुछ मामलों में कुर्की के आदेश भी जारी हो गए थे। झुंझुनूं जिले में 151 ऐसे मामले हैं जिनमें कुल 48.59 करोड़ रुपए का बकाया है। राज्य सरकार की एमनेस्टी स्कीम से इनमें से लगभग 20 करोड़ रुपए की राशि को सरकार माफ कर सकती है। जिससे ठेकेदारों पर आर्थिक दबाव कम होगा और विभाग को भी राजस्व की वसूली में तेजी मिलेगी। ठेकेदारों की पुरानी मांग हुई पूरी झुंझुनूं जिले के शराब ठेकेदार पिछले कई सालों से बकाया पेनल्टी और ब्याज की भारी राशि को लेकर परेशान थे। उन्होंने कई बार राज्य स्तर पर ज्ञापन सौंपकर राहत की गुहार लगाई थी। ठेकेदारों का तर्क था कि कोरोना महामारी और उसके बाद के वर्षों में आर्थिक गतिविधियों पर पड़े नकारात्मक प्रभाव के कारण उन्हें बकाया चुकाने में काफी कठिनाई हुई थी। अधिकारी उस्मानी ने यह भी बताया कि इस स्कीम से राज्य सरकार को दोहरा लाभ मिलेगा। एक तरफ जहां ठेकेदारों को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर बकाया वसूली में सरकार को बड़ी सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा, "सरकार का मकसद है कि सभी ठेकेदार इस योजना का लाभ लें और पुराने लंबित मामलों का निपटारा हो सके।
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