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    गहलोत के पास सबूत तो वे मुकदमा-दर्ज क्यों नहीं करवाते:मंत्री जोगाराम बोले- वो हाशिए पर जा रहे, पलटूराम की तरह काम कर रहे; डोटासरा खुद विधानसभा से अदृश्य

    5 days ago

    संसदीय और विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा को अपने कार्यकाल के सपने दिखते हैं और वो उससे अभी तक बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जो अपनी पार्टी में किनारे पर होते हैं वे सुर्खियां बटोरने के लिए बयानबाजी करते हैं। अगर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ हॉर्स ट्रेंडिंग के सबूत हैं तो वे जनता के सामने क्यों नहीं रखते? मुकदमा क्यों नहीं दर्ज करवाते हैं? वो धीरे-धीरे अपनी ही पार्टी में हाशिए पर जा रहे हैं, इसलिए सुर्खियों में बने रहने के लिए कोई ना कोई सुर्रा छोड़ देते हैं। मैं उनसे निवेदन करता हूं कि उनके पास कोई सबूत है तो पब्लिक के सामने रखें और मुकदमा दर्ज करवा दें। संसदीय व विधि मंत्री जोगाराम पटेल नागौर में थे। उन्होंने भास्कर को दिए इंटरव्यू में सीएम बदलने के षड़यंत्र, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और एसआई भर्ती पर जवाब दिए। पढ़िए दैनिक भास्कर की रिपोर्ट भास्कर: एसआई भर्ती को लेकर अब सरकार का पक्ष क्या है? मंत्री पटेल: जब कोई मामला कोर्ट में विचाराधीन हो, तो सामान्य प्रक्रिया के अनुसार उस पर कमेंट करना हमारे लिए ठीक नहीं है। एसआई भर्ती का मामला गंभीरता से सरकार के संज्ञान में है। ये सरकार की प्राथमिकता भी है। भजनलाल सरकार बनने के दूसरे ही दिन एसआईटी गठन का निर्णय लिया गया था। डमी कैंडिडेट, फर्जी मार्कशीट और नकल करने के मामले में संलिप्त लगभग 100 लोगों को पकड़ा जा चुका है। ये चीजें गंभीरता से सरकार के ध्यान में हैं। भास्कर: नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल 2 महीने से धरने पर हैं और भर्तियों को लेकर सरकार की मंशा पर संदेह जताया है ! मंत्री पटेल: धरना देना राजनीतिक लोगों का एक काम है। लेकिन, ये बात मान के चलिए कि सरकार भर्तियों पर पर गंभीरता से काम कर रही है। पूर्ववर्ती सरकार में जितनी भी भर्तियां हुईं वो सब संदेह के घेरे में हैं। रोज पता चलता है कि इसमें भी फर्जीवाड़ा और उसमें भी फर्जीवाड़ा किया। लेकिन, वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान जितनी भी भर्तियां हुई कोई भी संदेह के घेरे में नहीं हैं। भास्कर: एसीबी में अभियोजन चलाने की स्वीकृति के अभाव में घूसखाेरों पर कार्रवाई आगे नहीं बढ़ रही? मंत्री पटेल: ये विषय पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल का है। हमारे पास करीब 54 प्रकरण आए थे, उसमें से अधिकांश में हमने अनुमति दे दी है। किसी प्रकरण में कोई टेक्निकल गलती थी या कोई अनुमति के योग्य नहीं था तो वो रुक गया। इसके अलावा बाकी सब प्रकरणों में अनुमति दे दी है। इसी 28 जून को पेंशन और वेतन रोकने संबंधी सभी फाइलों को सीएम के आदेश से परस्यू कर लिया गया है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर ये सरकार चल रही है। उसमें किसी तरह का कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं है। बात ये है कि एसीबी की फाइलों के निष्पादन की प्रक्रिया लंबी होती है। भास्कर : पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व अन्य पर गत सरकार में हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप दोहराए हैं! मंत्री पटेल: मैं 2 दिन पहले जोधपुर में था। मेरा ये मानना है कि अपराध करना और अपराध की जानकारी होते हुए सबूत छिपाना, दोनों ही अपराध की श्रेणी में आते हैं। अगर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ऐसे कोई सबूत हैं तो वो पिछले 4 साल से चुप क्यों हैं और वो सबूत जनता के बीच क्यों नहीं रखते हैं, मुकदमा क्यों नहीं दर्ज करवाते हैं? चूंकि वो धीरे-धीरे अपनी ही पार्टी में हाशिए पर जा रहे हैं, इसलिए सुर्खियों में बने रहने के लिए कोई ना कोई सुर्रा छोड़ देते हैं। मैं उनसे निवेदन करता हूं कि उनके पास कोई सबूत है तो पब्लिक के सामने रखें और मुकदमा दर्ज करवा दें। अब वो ये कह रहे हैं कि उनके और सचिन पायलट के बीच कुछ था ही नहीं, तो फिर सरकार गिराने के लिए कांग्रेस की तरफ से कौन था? ये विषय जनता के सामने रखने योग्य है। ऐसी स्थिति में पता लग जाएगा कि अशोक गहलोत पलटूराम की तरह काम करते हैं। उन्होंने एक समय कहा कि उनकी सरकार गिराने में फलां-फलां लोग थे। आज कह रहे हैं कि नहीं हमारे बीच ऐसा था ही नहीं। उनसे पूछना चाहिए कि कहना क्या चाहते हो? भास्कर : गोविंद डोटासरा का कहना है कि संगठन-सरकार का तालमेल कमजोर हो गया है। इसी वजह से भाजपा से प्रदेश कार्यकारिणी नहीं बन रही और प्रदेश सरकार राजनीतिक नियुक्तियां व तबादले नहीं कर पा रही… मंत्री पटेल: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा को अपने कार्यकाल के सपने दिखते हैं और वो उससे अभी तक बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उनके कार्यकाल में तो सरकार के 2 दिन बचे तब कहीं राजनीतिक नियुक्तियां हुईं। वो हमको सलाह दे रहे हैं। अभी तो वो सरकार है, जिसने पहली साल में ही राइजिंग राजस्थान किया, पहली साल में ही आरपीएससी चेयरमैन जैसी करीब 50 राजनीतिक नियुक्तियां कर दीं। कांच के मकान में रहने वाले दूसरों के घर में पत्थर नहीं फेंकते। गोविंद डोटासरा खुद विधानसभा में अदृश्य हो रहे हैं, उन्हें विधानसभा में आकर अपनी बात रखनी चाहिए। जो अपनी पार्टी में किनारे पर होते हैं वो ऐसे ही सुर्खियां बटोरते हैं। भास्कर : राइजिंग राजस्थान को लेकर खुद सीएम ने कह दिया कि सभी एमओयू धरातल पर नहीं आ पाए… मंत्री पटेल: राइजिंग राजस्थान में 35 लाख करोड़ के एमओयू हुए थे, जिसमें से 3 लाख करोड़ के एमओयू धरातल पर आ गए। हर जिले की 11 तारीख को जिला स्तर और राज्य स्तर पर इनकी समीक्षा होती है। बड़े मामलों को सीएम और संबंधित सेक्रेटरी खुद देखते हैं। सरकार का आकलन है कि इस बार बजट आने से पहले 50 फीसदी से ज्यादा एमओयू धरातल पर आ जाएंगे। 5 साल में सौ प्रतिशत एमओयू धरातल पर आ जाएंगे। देखिए, बड़ी चीजें हो रही हैं, लैंड अलॉटमेंट की पॉलिसी का लगभग काम हो गया है। कंपनियों के खुद के भी काम होते हैं। हर कंपनी के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया हुआ है। हम जो कहते हैं वो करते हैं। यही नरेंद्र मोदी का दिया हुआ मंत्र है। भास्कर: पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि भजनलाल शर्मा ज्यादा दिन सीएम नहीं रहेंगे… मंत्री पटेल: वो अभी अपने सपनों से बाहर नहीं निकल पाए हैं। मिनी सीएम बनाना, होटलों में रखना, उनके केंद्रीय नेतृत्व की भेजी गई टोली का अपमान करना, मीटिंग नहीं होने देना, ये सब भाजपा में नहीं है। ये सांस्कृतिक पार्टी है, सुविचारों की पार्टी है। यहां आंतरिक लोकतंत्र है। परसों ही भाजपा प्रदेश प्रभारी ने कहा है कि मंत्री और मुख्यमंत्री 5 साल के लिए बनते हैं। भाजपा की सरकार जनता की सेवा के आधार पर, जो कहा है वो साकार करने के आधार पर, विकास के आधार पर, दोबारा सरकार बनाएगी और अमृत काल में भाजपा का राज रहेगा तथा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। उनको ये कहो कि सपने देखना बंद कर दें। भास्कर : संगठनात्मक नियुक्ति और मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर अटकलें लग रहीं हैं… मंत्री पटेल: दोनों ही विषय मेरे से संबंधित नहीं हैं। मंत्रिमंडल फेरबदल का विषय सीएम के विवेकाधिकार का विषय है। भास्कर: विधानसभा के आगामी सत्र में सरकार की क्या तैयारी है? मंत्री पटेल: विधानसभा का आगामी सत्र कब बुलाना है, यह अभी निश्चित नहीं है। इसके लिए सरकार और स्पीकर के स्तर पर विचार किया जाएगा। संभावना है कि आगामी सितंबर महीने में सत्र आहूत होने की संभावना है।
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